IPL 2025 में 'Retired Out' से हुआ तूफान – तिलक वर्मा बने इस नियम से आउट होने वाले चौथे खिलाड़ी, जानिए क्या है ये नियम?

Updated on 2025-04-05T12:26:11+05:30

IPL 2025 में 'Retired Out' से हुआ तूफान – तिलक वर्मा बने इस नियम से आउट होने वाले चौथे खिलाड़ी, जानिए क्या है ये नियम?

IPL 2025 में 'Retired Out' से हुआ तूफान – तिलक वर्मा बने इस नियम से आउट होने वाले चौथे खिलाड़ी, जानिए क्या है ये नियम?

IPL 2025 में एक बार फिर 'Retired Out' नियम ने सुर्खियां बटोरीं, जब मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज तिलक वर्मा इस अनोखे तरीके से आउट हुए। क्रिकेट फैंस के बीच सवाल उठ रहा है – ये ‘रिटायर्ड आउट’ क्या होता है और इसका फायदा क्या है? चलिए, आपको इस दिलचस्प नियम के पीछे की पूरी कहानी बताते हैं।

क्या होता है 'Retired Out'? – न आउट, फिर भी आउट!

खिलाड़ी खुद पवेलियन लौटे, लेकिन स्कोरकार्ड में उन्हें ‘आउट’ माना जाता है।

‘Retired Out’ एक ऐसा नियम है जिसमें बल्लेबाज बिना चोट के खुद पवेलियन लौट जाता है और फिर दोबारा बल्लेबाजी के लिए वापस नहीं आ सकता। यह पूरी तरह रणनीतिक फैसला होता है, जिसका उद्देश्य तेज़ रन बनाना या परिस्थितियों के अनुसार टीम को फायदा पहुंचाना होता है।

तिलक वर्मा बने चौथे खिलाड़ी – IPL में फिर दिखा यह रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक

MI ने लिया चौंकाने वाला फैसला, फैंस और एक्सपर्ट भी रह गए हैरान।

IPL 2025 के एक मुकाबले में मुंबई इंडियंस के तिलक वर्मा ‘रिटायर्ड आउट’ होकर पवेलियन लौटे। वो IPL इतिहास के चौथे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने इस नियम के तहत मैदान छोड़ा। यह फैसला पूरी तरह से टीम की रणनीति के तहत लिया गया, ताकि बड़े शॉट लगाने के लिए एक नया बल्लेबाज जल्दी क्रीज़ पर आ सके।


अब तक किन खिलाड़ियों ने लिया है ‘Retired Out’ का सहारा?

इस लिस्ट में अब तिलक वर्मा का नाम भी जुड़ गया है।

तिलक वर्मा से पहले IPL में ये कारनामा करने वाले खिलाड़ी हैं:

1. आर. अश्विन (राजस्थान रॉयल्स – 2022)


2. अम्बाती रायडू (CSK – 2023)


3. साहिल चौधरी (लखनऊ सुपरजायंट्स – 2024)


4. तिलक वर्मा (मुंबई इंडियंस – 2025)

हर बार यह फैसला टीम की रणनीति के तहत लिया गया और इसका उद्देश्य तेज़ रन गति या मैच की परिस्थिति के अनुसार फायदेमंद बदलाव करना था।

क्या है ICC का नियम ‘Retired Out’ को लेकर?

नियम वैध है, लेकिन अब तक कम ही देखने को मिला।

ICC के नियमों के अनुसार, कोई भी बल्लेबाज यदि चोट या बीमारी के अलावा किसी अन्य कारण से स्वेच्छा से मैदान छोड़ता है और दोबारा बल्लेबाजी नहीं करता, तो उसे Retired Out माना जाता है। स्कोरकार्ड में यह ‘out’ की तरह ही दर्ज किया जाता है, जिससे विपक्षी टीम को एक विकेट का लाभ मिलता है।

फायदे और आलोचना – रणनीति या खेल भावना के खिलाफ?

कुछ एक्सपर्ट इसे स्मार्ट रणनीति मानते हैं, तो कुछ इसे क्रिकेट की आत्मा से खिलवाड़।

जहां कुछ लोग इसे टी20 क्रिकेट में गेम चेंजर रणनीति मानते हैं, वहीं कई दिग्गज इसे खेल भावना के खिलाफ भी बताते हैं। उनका मानना है कि इससे खेल की नैतिकता पर सवाल उठते हैं, जबकि समर्थकों का कहना है कि टी20 में हर सेकेंड कीमती होता है और रणनीति का हिस्सा होना चाहिए।


भविष्य में और दिखेगा ‘Retired Out’?

टी20 की तेज़ रफ्तार में यह नियम बना सकता है बड़ा हथियार।

जैसे-जैसे क्रिकेट और खासकर T20 फॉर्मेट में रणनीतिक प्रयोग बढ़ते जा रहे हैं, वैसे ही ‘Retired Out’ जैसे नियम भी और ज्यादा देखने को मिल सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले सीज़न में कितनी टीमें इसका इस्तेमाल अपनी जीत की रणनीति में करती हैं।