Last Updated Apr - 05 - 2025, 12:08 PM | Source : Fela News
DPS द्वारका पर लगे मनमानी फीस वसूली के गंभीर आरोप, अभिभावकों में बढ़ा आक्रोश। मामला सुर्खियों में, स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई की उठी मांग। जांच की मांग तेज़।
दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल DPS द्वारका एक बार फिर विवादों में है। स्कूल प्रशासन पर आरोप है कि वे
गैरकानूनी तरीके से छात्रों से मोटी फीस वसूल रहा है। मामला सोशल मीडिया पर पहुंचते ही तूल पकड़ गया, और
दिल्ली सरकार के बड़े चेहरों ने सीधे स्कूल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
DPS द्वारका पर गंभीर आरोप – मनमानी फीस वसूली का मामला सुर्खियों में स्कूल प्रशासन पर छात्रों के अभिभावकों से गैरकानूनी तरीके से फीस लेने के आरोप।
दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) द्वारका पर आरोप है कि उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए छात्रों से मनमाने तरीके से फीस वसूलना शुरू कर दिया। यह मामला तब उछला जब सोशल मीडिया पर एक छात्र के पिता ने ट्वीट कर इस मनमानी का खुलासा किया।
केजरीवाल का ट्वीट – 'ये अन्याय है, बर्दाश्त नहीं होगा'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर जताई नाराज़गी।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम केजरीवाल ने साफ शब्दों में लिखा, “यह ग़लत है। जो स्कूल कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे, उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने दिल्ली सरकार को तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि छात्रों और अभिभावकों के हितों की रक्षा की जाएगी।
मनीष सिसोदिया ने भी जताई चिंता – ‘स्कूल शिक्षा का मंदिर है, व्यापार नहीं’
पूर्व डिप्टी सीएम ने DPS पर शिक्षा को बिज़नेस बनाने का आरोप लगाया।
मनीष सिसोदिया ने DPS द्वारका के इस कदम को निंदनीय बताया और कहा कि कोर्ट का आदेश साफ है, फिर भी स्कूल छात्रों से जबरन फीस मांग रहा है। उन्होंने इसे शिक्षा के मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि शिक्षा मंदिर है, बाजार नहीं।
सौरभ भारद्वाज का आरोप – ‘स्कूलों की मनमानी पर लगे लगाम’
दिल्ली सरकार के मंत्री ने भी खुलकर DPS की आलोचना की, कार्रवाई की बात कही।
कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बावजूद फीस वसूलना कानून का उल्लंघन है। उन्होंने दिल्ली सरकार की शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट मांगी है और स्कूलों की निगरानी कड़ी करने की बात कही है।
मामले की जड़ – क्या है हाई कोर्ट का आदेश?
कोर्ट ने निजी स्कूलों को कुछ सीमाओं में रहकर फीस लेने की हिदायत दी थी।
हाई कोर्ट ने पहले ही निर्देश दिया था कि स्कूल महामारी के समय की पुरानी फीस संरचना के अनुसार ही फीस वसूल सकते हैं। बावजूद इसके, DPS द्वारका ने उस आदेश की अनदेखी करते हुए मनमानी शुरू कर दी है, जिस पर अब बवाल मच गया है।
अभिभावकों में गुस्सा – ‘हम बच्चों की पढ़ाई चाहते हैं, शोषण नहीं’
कई पेरेंट्स ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जाहिर की, स्कूल पर लगाई मनमानी का आरोप।
सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई अभिभावकों ने DPS द्वारका की शिकायतें पोस्ट कीं। उनका कहना है कि स्कूल का रवैया अब एक कॉरपोरेट कंपनी जैसा हो गया है, जहां शिक्षा के नाम पर फीस वसूली एक बिज़नेस बन गया है।
अब उम्मीद सरकार से, क्या लगेगा मनमानी पर ब्रेक?
मामला सरकार और कोर्ट दोनों के संज्ञान में, अब देखना होगा क्या होती है अगली कार्रवाई।
DPS द्वारका पर लगे गंभीर आरोप ने एक बार फिर निजी स्कूलों की जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है। अब सभी की निगाहें दिल्ली सरकार की कार्रवाई पर हैं – क्या यह स्कूलों की मनमानी पर विराम लगेगा या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?