Last Updated Apr - 17 - 2025, 10:54 AM | Source : Fela News
Akshaya Tritiya 2025 Yog: अक्षय तृतीया को बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस बार इस दिन खास शुभ संयोग बन रहा है, जिससे खरीदारी और शुभ कार्यों से दोगुना लाभ मिलेग
Akshaya Tritiya 2025:अक्षय तृतीया का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदने और मां लक्ष्मी की पूजा करने का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी से जीवन में खुशियाँ और धन की वृद्धि होती है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया पर क्या करें?
अक्षय तृतीया को अक्षय तृतीया और आखा तीज भी कहा जाता है। इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इस दिन बिना मुहूर्त देखे शुभ काम जैसे विवाह, सोने-चांदी की खरीदारी, नए काम की शुरुआत करना और व्रत-उपवास करने से अक्षय पुण्य मिलता है, यानी ऐसा पुण्य जो कभी खत्म नहीं होता।
अक्षय तृतीया तिथि:
तृतीया तिथि की शुरुआत: 29 अप्रैल, शाम 05:31 बजे
तृतीया तिथि की समाप्ति: 30 अप्रैल, दोपहर 02:31 बजे
अक्षय तृतीया पर महासंयोग
इस साल अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो मां लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इस शुभ योग में पूजा करने से मां लक्ष्मी हर इच्छा पूरी करती हैं। इस दिन स्वर्ण आभूषण खरीदने से उसकी वृद्धि होती है। इस दिन किया गया जप, तप, ज्ञान, स्नान, दान और होम अक्षय रहते हैं।
पितरों की तृप्ति का पर्व
अक्षय तृतीया पर बद्रीनाथ धाम के पट भी खुलते हैं। इस दिन तिल और कुश के जल से पितरों को जलदान करने से उनका तृप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है, जिससे पाप खत्म होते हैं।
तीर्थ स्नान और दान
इस दिन तीर्थ स्नान करने की परंपरा है, जो हर पाप को समाप्त करता है। अगर तीर्थ पर नहीं जा सकते तो घर पर गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद अन्न और जल का दान करें, जिससे पुण्य मिलता है।
दान से मिलता है अक्षय पुण्य
अक्षय तृतीया पर घड़ी, कलश, पंखा, छाता, चावल, दाल, घी, चीनी, फल, वस्त्र, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा और दक्षिणा दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन नया घर बनवाने, गृह प्रवेश या देव प्रतिष्ठा जैसे शुभ काम भी किए जाते हैं।
भगवान विष्णु के अवतार
अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था। परशुराम जी चिरंजीवी माने जाते हैं, यानी वह हमेशा जीवित रहेंगे। इस दिन भगवान विष्णु के अन्य अवतार जैसे नर-नरायण और हयग्रीव भी प्रकट हुए थे।
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